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मिल्कीपुर क्षेत्र के किसानो की जमीनो के अधिग्रहण एवं उचित मुआवज़ा न मिलने का विवाद अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचा है।


मिल्कीपुर क्षेत्र के किसानो की जमीनो के अधिग्रहण एवं उचित मुआवज़ा के मुद्दे को लेकर स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री को किसानो पर हो रहे अन्याय की पूरी जानकारी दी और तत्काल कार्रवाई की मांग की। यह बैठक किसानो के बड़े हितों से जुड़ी थी, जिसमें सांसद ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के नाम पर हजारों किसानो की ज़मीन जबरन अधिग्रहित किए जाने का मामला उठाया। सांसद अवधेश प्रसाद ने बताया कि किसानों को न तो उनके अधिकार के अनुसार उचित मुआवजा दिया जा रहा है और न ही उनकी आपत्तियों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इससे किसानो मे भारी गुस्सा और आक्रोश व्याप्त है। कई किसानो के घरों को तोड़ने की तैयारी हो रही है जिससे उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति पर गंभीर असर पड सकता है। सांसद ने कहा कि प्रशासन की इस दरिंदगी भरी कार्रवाई को रोका जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक किसानों को उचित मुआवज़ा न दिया जाए, तब तक बुलडोज़र चलने वाली सभी कार्रवाई बंद होनी चाहिए। इसके अलावा, दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की गई। मिल्कीपुर के किसानो का कहना है कि उनकी ज़मीन पर यह अधिग्रहण बिना उनकी सहमति के किया जा रहा है और उन्हें न्याय नही मिल रहा है। किसानो के विरोध के बावजूद सरकार की ओर से ज़मीन हड़पने और मकानों को गिराने की कार्यवाही जारी होने से व्यापक स्तर पर विरोध और उत्पात बढ़ रहा है। यह मामला वहीं का नही रहकर अब दिल्ली पहुंच गया है, जहा सांसद अवधेश प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री से चर्चा कर किसानो के अधिकारों की रक्षा की पूरी जिम्मेदारी ली है। सांसद ने केंद्रीय मंत्री को एक लिखित पत्र भी सौंपा जिसमें विस्तार से किसानो की व्यथा, ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में अनियमितताओं और मुआवज़ा न मिलने के कारण उत्पन्न समस्याओ का उल्लेख किया गया है। साथ ही इस पत्र में प्रशासन द्वारा किसानो के विरोध स्वरूप की जा रही बुलडोज़र कार्रवाई को अमानवीय बताया गया है। सांसद अवधेश प्रसाद ने इस पत्र में अनुरोध किया कि संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए सभी तोड़फोड़ की कार्रवाई तुरंत रोक दी जाए और किसानो के हितों की रक्षा हो। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सांसद की बातों को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि किसानो के हितों की अनदेखी नही होने दी जाएगी और मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को न्याय दिलान के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुलाकात के बाद स्थानीय किसानो और समर्थकों में आशा की किरण चमकी है कि अब उनकी आवाज सुनी जाएगी और उनके कष्टों का समाधान निकलेगा। 


 सांसद अवधेश प्रसाद की दिल्ली यात्रा और केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात से यह उम्मीद बन रही है कि जल्द ही किसानो की समस्याओ का स्थायी समाधान निकलेगा और उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी। इस आंदोलन में सामाजिक और राजनीतिक समर्थन भी बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन पर दबाव बन रहा है कि वह किसानो की मांग माने और उनकी जमीनो का अनुचित अधिग्रहण बंद करे। मिल्कीपुर के किसानो का संघर्ष केवल अपनी जमीन के लिए नही बल्कि पूरे देश के कृषि क्षेत्र के हितों का सवाल भी बन चुका है। इससे किसानो के अधिकार और न्याय की लड़ाई को मजबूत ताकत मिली है, जो आने वाले समय में और भी बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है। अतः मिल्कीपुर के किसानो की लड़ाई अब दिल्ली तक पहुंच गई है जहां सांसद अवधेश प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष उनकी पीड़ा रखी और शीघ्र समाधान के लिए कार्रवाई की मांग की। किसानो के हितों की सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जो कृषि क्षेत्र में न्याय और सम्मान की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है

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