मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था। लगभग 22 वर्ष के अंतराल के बाद पुनः भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार की जा रही है। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को शुद्ध व समावेशी बनाने के लिए विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) का कार्य 28 अक्टूबर, 2025 दिन मंगलवार से शुरू होगा।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सर्वप्रथम 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर, 2025 तक विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित तैयारी, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जायेगा। 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का मतदाताओं को वितरण किया जायेगा एवं प्रपत्रों को भरवाकर प्राप्त किया जायेगा। 09 दिसम्बर, 2025 को आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। दावे और आपत्तियां दाखिल किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी। नोटिस जारी किये जाने, सुनवाई एवं सत्यापन व दावे और आपत्तियों का निस्तारण एवं गणना प्रपत्रों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्णय किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक होगी। 07 फरवरी, 2026 को अन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण को लेकर प्रदेश में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा बूथ लेविल अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन एवं सम्भाजन की प्रक्रिया भी इस दौरान पूर्ण की जायेगी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सर्वप्रथम 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर, 2025 तक विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित तैयारी, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जायेगा। 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का मतदाताओं को वितरण किया जायेगा एवं प्रपत्रों को भरवाकर प्राप्त किया जायेगा। 09 दिसम्बर, 2025 को आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। दावे और आपत्तियां दाखिल किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी। नोटिस जारी किये जाने, सुनवाई एवं सत्यापन व दावे और आपत्तियों का निस्तारण एवं गणना प्रपत्रों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्णय किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक होगी। 07 फरवरी, 2026 को अन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण को लेकर प्रदेश में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा बूथ लेविल अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन एवं सम्भाजन की प्रक्रिया भी इस दौरान पूर्ण की जायेगी।

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