Hot Posts

6/recent/ticker-posts

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर TET उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को नियुक्ति के समय योग्यता न होने के कारण बर्खास्त नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों ने बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण की है, उन्हें केवल इसलिए बर्खास्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनकी प्रारंभिक नियुक्ति के समय उनके पास यह योग्यता नहीं थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने दो सहायक अध्यापकों, उमा कांत और एक अन्य की अपील स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। इन सहायक अध्यापकों को 2012 में नियुक्ति के समय TET सर्टिफिकेट न होने के कारण जुलाई 2018 में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), कानपुर नगर द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। Also Read - अचल संपत्ति में स्वामित्व हस्तांतरण पर सर्विस टैक्स नहीं लगता: सुप्रीम कोर्ट मामले की पृष्ठभूमि अपीलकर्ताओं को 2011 में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया के तहत कानपुर नगर के एक मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त संस्थान, ज्वाला प्रसाद तिवारी जूनियर हाई स्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया। उस समय राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की 23 अगस्त, 2010 की अधिसूचना द्वारा शुरू की गई TET परीक्षा हाल ही में लागू की गई। उत्तर प्रदेश में पहली TET नवंबर, 2011 में आयोजित की गई। एक अपीलकर्ता ने उसी वर्ष परीक्षा उत्तीर्ण की, जबकि दूसरे ने 2014 में परीक्षा उत्तीर्ण की। 2015 से पहले उनकी योग्यता होने के बावजूद, बीएसए ने नियुक्ति के समय टीईटी प्रमाण पत्र न होने का हवाला देते हुए 2018 में उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं।


Post a Comment

0 Comments